Saturday, February 18, 2017

श्श्श्श्..... खामोश है मुंबई.... यह तूफान की दस्तक है.

मुंबई में खामोशी है. मतदाता खामोश है. एक ओर जहां प्रचार का शोर रात 10:00 बजे तक गली-गली और सड़कों पर दिखाई पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर मतदाता पूरी तरह से चुप है.



राजनैतिक खामोशी. 

मुंबई का मतदाता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. ट्रेन के अंदर ना तो चर्चा है और ना ही पान के गल्ले पर बहस. मुंबई मे इस कदर खामोशी शायद ही पहले किसी चुनाव के दौरान देखी गई हो. जनता तो बस सुन रही है और चुपचाप अपना काम कर रही है.

शोर कहां है. 

राजनैतिक पार्टीओ की रैली में, कार्यकर्ताओ के बीच, पार्टी कार्यालयो में, न्यूज चैनल के दफतरो में, रिपोर्टरो के बीच.

स्पीरल ऑफ साइलेंस का मतलब क्या है.


  • मुंबई में इस समय जारी यह खामोशी बहुत कुछ कह जाती है. बड़े-बड़े राजनीति विशेषज्ञों के लिए यह जान पाना मुश्किल है कि आखिर मुंबई की जनता किसे चुनेगी. 


  • कम्युनिकेशन का एक सिद्धांत है, जिसे कहते हैं स्पीरल ऑफ साइलेंस. इसका मतलब यह होता है कि एक व्यक्ति अपनी राय किसी के सामने प्रकट नहीं करता. लेकिन वक्त आने पर ऐसे तमाम खामोश लोग एक साथ अपनी बात एक जगह पर कह देते हैं. मुंबई महानगर पालिका के चुनाव में अब की बार यही स्पीरल साइलेंस देखने को मिल रहा है.


  • इसके अलग-अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं. जो शिवसेना का समर्थक है वह कह रहा है कि लोगों का मन बन चुका है, अब शिवसेना की जीत तय है. वही दूसरा खेमा यह कह रहा है कि ये खामोशी शिवसेना की गुंडागर्दी के खिलाफ है. कोई भी व्यक्ति अपना मुंह खोल कर इस पार्टी के खिलाफ नहीं बोलना चाहता क्योंकि उसे गाली-गलोज पथराव और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.


  • इस खामोशी के दो मतलब निकलते हैं. पहला अर्थ यह है कि लोग निराश-हताश हैं. ऐसे में वह वोटिंग करने नहीं जाएंगे. यदि ऐसा हुआ तो शिवसेना की जीत तय मानिए क्योंकि शिवसैनिक और शिवसेना का वोटर अपनी वोटिंग जरुर करेंगे. मुंबई के कुल वोटरों में मराठी वोटरो की संख्या 40 फिसदी जितनी है. दूसरा अर्थ यह है कि वोटर खामोश रहना चाहता है और वह चुप-चाप सत्ता के खिलाफ वोट करेगा. खामोश वोटरों ने वोटिंग कर दिया तो यह मतदान शिवसेना के खिलाफ होगा ऐसे में अप्रत्याशित परिणाम देखने को मिलेंगे.


21 तारीख को यदि 44 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ तो समज जाईए की शिवसेना की सत्ता समाप्त. लेकिन उससे कम मतदान हुआ तो बीजेपी फिर एक बार तीसरे नंबर पर पहुंच सकती है. 

Friday, February 17, 2017

ગુજ્જુભાઈ રોક્સ.. ઇન્ટરવલ બાદ ની ફિલ્મ જોઇ તમે કહેશો.. લેટ્સ વોચ ઇટ વન્સ મોર..

 

માણવા લાયક શું? 

ફીલ્મ માત્ર ત્રણ વસ્તુ માણવા લાયક છે. ૧. ચુસ્ત ડાઈલોગબાજી ૨. વિપુલ વિઠલાણી ની એક્ટીંગ ૩. પ્રીયંકા ની કામણગારી અદાઓ. 

ફીલ્મ ની વાર્તા

બે કલાક ની હળવાશ ભરી ફિલ્મ ની વાર્તા પતી,પત્ની અને 'વો' પર આધારીત છે.  ચાંદની ની ખુબસુરતી થી અંજાયેલા અને પોતાના શુષ્ક લગ્ન જીવન માં આગ પેટાવવા તણખલો ઉધાર લેવા ગયેલા  વિપુલ વિઠલાણી એટલે કે જયંત કંસારા આબાદ ફસાય છે અને તેમાંથી છટકવાની પ્રયાસ કરે છે. ફિલ્મ ની વાર્તા પાંચ એક્ટરોની આસપાસ વિંટળાયેલી છે. ટુંકા અને રમૂજ ડાઇલોગ્સ દર્શક ને હસાવવામાં સફળ છે. 

ફિલ્મ નો તણખો

પ્રીયંકાની એક્ટીંગ નો તણખો દર્શક ને સતત જકડી રાખે છે. ફુલ ફટાકડી ચાંદની એટલે કે પ્રીયંકા નો ડાન્સ જોવા લાયક છે. ફીલ્મ ના ગીતો સરસ છે - સાંભળ્યા બાદ ગુનગુનાવા નું મન થાય તેવા છે.  એક 'રોકીંગ' ગીત પણ છે - ગુજરાતી ફિલ્મ મા આવા અઘરા અખતરા ઓછા જોવા મળે છે. ઇન્ટરવલ બાદ ની ફિલ્મ દર્શક ને જકડી રાખે છે. 

ઉણપો

ફિલ્મ ના ફર્રસ્ટ હાફ મા ડબીંગ, કેમેરા વર્ક અને નાની મોટી ઊણપો સ્પષ્ટ રીતે દેખાઈ આવે છે. 

રેટીંગ

આ ફીલ્મ ને મારા જેવો કંજૂસ પત્રકાર ૫ માથી ૩ સ્ટાર આપશે. પહેલા હાફ ના ૨.૫ માથી માત્ર ૧ અને ઇન્ટરવલ પછી ના ભાગ ના ૨.૫ માથી ૨. 

Thursday, February 16, 2017

क्या शिवसेना के मुखपत्र सामना पर लगेगी पाबंदी?

 

बीएमसी चुनाव का प्रचार जबसे शुरु हुआ है तभी से शिवसेना के मुखपत्र सामना मे सिर्फ शिवसेना का प्रचार छप रहा है. 

क्यों न हो प्रचार? 

सामना यह उद्धव ठाकरे का ख़ुद का अख़बार है.
यह शिवसेना का मुखपत्र भी है. 
इस अख़बार ने हमेशा ही पार्टी की बात को शिवसैनिको तक पहुँचाया है. 


इस नाते यह प्रचार पत्रिका हुई - अख़बार कैसे हुआ?

यह अख़बार की कैटेगरी मे दर्ज होने से उसे काग़ज़, सरकारी योजना के तहत अन्य चीजे मिल रही है. 
सवाल यह है कि यदि सामना किसी पुलिटीकल पार्टी का मुखपत्र है तो फिर उसे सरकारी रियायत कैसे मिल सकती है? 


सामना अकेला नहीं है.

तरुण भारत - बीजेपी 
जया टी.वी - एआईएडीएमके 
सन टी.वी - डीएमके 

इस तरह के कई पब्लिकेशन अलग अलग पुलिटीकल पार्टी के लिए प्रचार का काम करते है. क्यों ना तमाम पब्लिकेशन के उपर चुनाव आयोग कदम उठाते हुए इन्हें चुनाव के दौरान बंद कर दे. 

अख़बार यदि किसी एक उम्मीदवार के बारेमे ख़बर छापता है तब उसे पेइड न्यूज़ की कारवाई झेलना पड़ती है. एसेमे पुलिटीकल दल से जुड़े पब्लिकेशंस पर पाबंदी क्यों नहीं. 

अबकी बार बीजेपी ने इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की है. यह एक अच्छा मौक़ा है. बीजेपी के कंधे पर बंदूक़ रखकर 'फ़ायर' कर देना चाहिए. सिर्फ सामना ही क्यों तमाम पुलिटीकल पार्टी के साथ जुड़े पब्लिकेशन पर कारवाई होनी चाहिए. 

सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग इतनी हिम्मत दिखा पाएगा ? 


Sunday, February 5, 2017

बीएमसी चुनाव मे कोंग्रेस ने गैर-मराठीओ को जमकर बांटे टिकट. बीजेपी, शिवसेना और एमएनएस ने भी दिए टिकट.


मुंबई एक आंतरराष्ट्रीय शहर है एसेमे सिर्फ मराठी भाषीको को टिकट देने से बीएमसी का चुनाव नहीं जीता जा सकता. इसी बात को ध्यान मे रखते हुए अबकी बार लगभग तमाम दलो ने गैर-मराठी भाषीको को टिकट दिया है. जानिए रोचक तथ्य.....


  • गैरमराठी उम्मीदवारो को टिकट देने मे सबसे अव्वल रही कोंग्रेस पार्टी. कोंग्रेस के 227 मे से 96 से ज्यादा उम्मीदवार गैर मराठी है. कहने की जरुरत नहीं कि कोंग्रेस अपनी जीत गैर-मराठी भाषीको के बीच ही ढूंढ रही है. वैसे मुंबई कोंग्रेस का अध्यक्ष भी गैर-मराठी भाषीक है. 

  • आपको यह सुनतक ताज्जुब होगा कि मुंबई मे गुजरातीओ को टिकट देने के मामले मे बीजेपी से आगे निकल गई है कोंग्रेस. कोंग्रेस ने 22 गुतरातीओ को टिकट दिया है. जबकी बीजेपी ने 18. वहीं अबकी बार शिवसेना ने 7 और एमएनएस ने 3 गुजरातीओ को टिकट दिया है. 

  • मुस्लिमो को टिकट देने के मामले मे भी कोंग्रेस अव्वल है. कोंग्रेस के 39 उम्मीदवार मुस्लिम है. जबकि बीजेपी, कोंग्रेस और एमएनएस के कुल मिलाकर मुस्लिम उम्मीदवारो की संख्या 15 के करीब है. 

  • शिवसेना ने 5 मुस्लिम उम्मीदवारो को टिकट दिया है. 

  • गैरमराठी भाषाको को टिकट देने के मामले मे बीजेपी दुसरे क्रम पर है. बीजेपी ने करीब 49 जितने गैर-मराठी भाषीको को टिकट दिया है. 

  • उत्तर भारतीयो के खिलाफ आंदोलन करने वाली एमएनएस पार्टीने 7 उत्तर भारतीयों को टिकट दिया है. वही शिवसेना ने महज 4 उत्तर भारतीयों को टिकट दिया है. 

  • एमआयएम ने करीब 2 गैर मुस्लिमो को टिकट दिया है. 



बीएमसी चुनाव मे शिरकत कर रही प्रमुख पार्टीओ ने गैर-मराठीओ को दिए हुए टिकट...

उत्तर भारतीय उम्मीदवार

कांग्रेस – 35
बीजेपी – 25
एमएनएस – 7
शिवसेना – 4


मुस्लिम उम्मीदवार

कांग्रेस – 39
बीजेपी – 6
शिवसेना – 5
एमएनएस – 4


गुजराती उमेदवार

कांग्रेस – 22
बीजेपी – 18
शिवसेना – 7
एमएनएस- 3

Saturday, February 4, 2017

शिवसेनेतील मुंबई महापालिका उमेदवार यादीतील ठळक वैशिष्ट्ये

अमराठी उमेदवार एकूण - २१

गुजराती - ७

मुस्लिम- ५

उ भारतीय -४

द. भारतीय -३

ख्रिश्चन - १

पंजाबी-१

…..........

युवा सेना -२

माजी महापौर -४

आयात उमेदवार -१५

कुटुंबातील उमेदवार - ११

...........................

मुस्लिम :
शाहेदा खान ६४, मोहम्मद खान ९६, नेहा खान ७८, शबनम शेख १३६, शहनाज हुसेन १८८,

ख्रिश्चन : सौ. ब्रिनेल जॉर्ज फर्नांडिस १००

गुजराती / सिंधी :
परेश सोनी १५, नम्रता रूधानी ३०,बिरेना लिंबाचिया ५५, मंगल भानूशाली १३१, मुकेश कारिया १०८,महालक्ष्मी गणात्रा १७७, कन्हैयालाल रावल २२१,

पंजाबी : प्रब्लिन मंकू ६५

द भारतीय :
मालती शेट्टी, १०७, जगदीश शैईवालापिल १८५, मारिअम्मल थेवर १८६

उत्तर भारतीय :
कमलेश यादव ३१,पूजा चौहान ३७,भोमसिंग राठोड४३, प्रकाश शुक्ला १६५


युवा सेना  (२) :
अमेय घोले १७८,
समाधान सरवणकर १९४


माजी महापौर :
मिलिंद वैद्य १८२, विशाखा राऊत १९, स्नेहल आंबेकर १९८, श्रद्धा जाधव २०२

आयात उमेदवार :
संजय घाडी ५- मनसे, रिद्धी खुरसुंगे ११ - एनसीपी, भारती कदम१४ - मनसे, संध्या दोषी १८ - एनसीपी, भोमसिंग राठोड४३ ( काँग्रेस)प्रब्लिन मंकू ३५( काँग्रेस) देवेंद्र आंबेरकर६८( काँग्रेस)विना भागवत८४ ( मनसे)  मंगल भानूशाली १३१,( भाजप) अण्णामलाई १६४ ( काँग्रेस) सविता पवार १५६ ( राष्टृवादी) विजय तांडेल १७१ ( अपक्ष) प्रिती पाटणकर १९२( मनसे), आशा मामेडी २२३ ( मनसे) , अरविंद राणे २२७ ( मनसे)

घराणेशाही :
- तेजस्विनी घोसाळकर १ ( माजी आमदार विनोद घोसाळकर यांची पत्नी), भारती पंडागळे२६  ( माजी आ. राम पंडागळे यांची मुलगी), गीता भंडारी ३२व अजित भंडारी ३३ ( दीर, वहिनी, दोघांनाही तिकीट ) प्राची परब ६७ ( जयवंत परबची सून ) कामिनी शेवाळे १४४( खा राहूल शेवाळेंची पत्नी) समृद्धी काथे १४६( आ तुकाराम काथेंची सून ) मिनाक्षी पाटील ११६ ( आ अशोक पाटील पत्ऩी) समाधान सरवणकर १९४( आ सदा सरवणकर मुलगा) यशवंत जाधव २०९ व यामिनी जाधव २१० ( पती पत्नी)                    

उत्तर मुंबई की मलाड सीट पर एक रस्साकशी भरा जंग जारी है। इस सीट पर इस समय किसका पलड़ा भारी है? गुजराती मिडडे में छपा हुआ मेरा लेख।