Saturday, September 4, 2010

अमरीका भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए लेगा इन्फार्मेशन टैकनोलोजी का सहारा


हाल ही मे अमरीका के चीफ इन्फार्मेशन ऑफीसर विवेक कुंदरा मुंबई आए थे. पत्रकारो से औपचारिक बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह अमरीका में भी सरकारी प्रोजेक्ट्स फेल हो रहे हैं. जिसके चलते सरकार को अरबो डॉलर का घाटा हो रहा है. इस पूरे मामले पर जवाबदेही किसी की नहीं होती और अंत में उसी काम के लिए कुछ साल बाद फिर एक बार टैंडर निकलता है जो कि फिर करोड़ो डॉलर का भ्रष्टाचार साबित होता है. सरकार इस बात से परेशान हो चुकी है. लिहाजा अब एक ऐसा डैशबोर्ड बनाया जाएगा जिसके तहत पूरे देश में सरकार द्वारा दिए जा रहे ठेको की सारी जानकारी एक साथ उपलब्ध होगी. मसलन यह ठेका किसने दिया है, कितने डॉलर में, उसे कब पूरा होना था और फिलहाल उस काम की क्या स्थिति है.
यह एक क्रांतिकारी विचार है. इस तरह के कदम से भ्रष्टाचारिओं की नकेल कसी जा सकती है. क्योंकि जब आप डैशबोर्ड पर पाएंगे की आपके घर की नजदीकी सड़क बनाने का ठेका साल 2002 में दिया गया था. लेकिन सड़क कभी बनी ही नहीं और पैसे दिए जा चुके है तो आप शिकायत के माध्यम से भ्रष्टाचारिओं को सबक सिखा सकते है. भारत देश में यह जानकारी पाने के लिए आपको माहिती अधिकार अधिनियम का सहारा लेना पडता है.
इस डैश बोर्ड के बन जाने से पूरे विश्व के सामने सारी जानकारी उपलब्ध होगी. लिहाजा आम आदमी से लेकर ठेका न पाने वाली कंपनी तक सभी ठेके पर पैनी नजर गड़ाए रहेंगे और जरा सा भी भ्रष्टाचार होने की सूरत में कानूनी कार्यवाही सुलभ होगी.
भारत में भी ऐसा होना चाहिए....

यह तेरा घर.... यह मेरा घर.....


अपना घर भला किसे नहीं पसंद. एक झोपडवासी हो, चाहे अमिताभ बच्चन जैसा सुपर स्टार या फिर सोनिया गांधी का 10 जनपथ स्थित बंगला. अपना घर कोइ नहीं छोडना चाहते. वैसे यह सारी बात करने के लिए मुझे मौका दिया है अमिताभ बच्चन ने. उनके घर के करीब से मैट्रो ट्रेन जा रही है. अमिताभ के जिस घर के करीब से मेट्रो ट्रेन जा रही है उस घर मे अमिताभ रहते नहीं. लेकिन फिर भी अमिताभ को नाराजगी इस बात की है कि कहीं उनके बंगले की दिवार को किसी भी इन्सान की नजर न लांध पाए... हैना गझब....
वैसे लता मंगेशकर ने भी धमकी दी है कि पैडर रोड पर फ्लाइ ओवर बना तो वे मुंबई छोड पूना चली जाएंगी... क्योंकि यह फ्लायओवर उनके घर के करीब से गुजर रहा है.
अब सवाल यह है कि फ्लाइओवर और मैट्रो ट्रेन बने तो कहां बने? झोपडवासी कहता है मुझे मत हटाओ लेकिन जब झोपडवासी यह कहता है तो कोइ नहीं सुनता उलट यह आदेश जारी होता है कि -- हटाओ इन गैर कानूनी ढंग से रहनेवालो को. लेकिन झोपडवासी हो या लता मंगेशकर या फिर अमिताभबच्चन. किसीको अपने घोसले मे खलल पसंद नहीं. सबकी नजरो मे उनका घर स्वर्ग है.
नेता भी अपना सरकारी बंगला तबतक खाली नहीं करते जबतक पुलिस सरकार ने निर्देश पर कारवाई शुरु न करे. एसे मे इस सवाल का जवाब ढूंढना वाकई मुश्किल है कि लोगो के घरो को बचाते हुए सरकारी योजनाए कैसे लागु हो. सरकार और प्रशासन इसी सवाल का जवाब नहीं ढूंढ पाती जिसके चलते सारे प्रोजेक्ट डीले होते है, खामियाजा सभी को भुगतना पडता है.

उत्तर मुंबई की मलाड सीट पर एक रस्साकशी भरा जंग जारी है। इस सीट पर इस समय किसका पलड़ा भारी है? गुजराती मिडडे में छपा हुआ मेरा लेख।