मुंबई मे चुनावी बिगुल बज चुका है. बीएमसी चुनाव का एलान हो गया है. इसीके
साथ देश की आर्थीक राजधानी पर किसका कब्जा होगा इसे लेकर महाराष्ट्र की
तमाम पार्टीयां एक दुसरे से भीड रही है. इस चुनाव के कई अहम पहलु है...
अहम बातें
बीएमसी चुनाव - किसके लिए क्या मायने रखता है.
शिवसेना
फिलहाल बीएमसी मे पक्षीय बलाबल क्या है......
अहम बातें
- बीएमसी का बजट देश के कई छोटे राज्यो से बडा है. बीएमसी का बजट 37 हजार करोड है.
- गोवा, असम, नागालैंड, मणिपुर, मिझोरम, त्रीपुरा, सीक्कीम राज्य से बड़ा है बीएमसी का बजट.
- पिछले 20 वर्षो से मुंबई महानगर पालीका पर शिवसेना बीजेपी का गठबंधन शासन कर रहा है.
- मुंबई महानगर पालिका पर कब्जा होने का मतलब है देश की आर्थीक राजधानी पर कब्जा होना.
बीएमसी चुनाव - किसके लिए क्या मायने रखता है.
शिवसेना
- मराठी माणुस का असली नेतृत्व करने का दावा करने वाली शिवसेना के लिए यह सबसे बडी लडाई है.
- यहां हारने का मतलब है कि महाराष्ट्र की राजनिती मे सबसे बडी धोबी पछाड.
- मुंबई मे हारने से महाराष्ट्र की राजनिती मे शिवसेना का दबदबा कम होगा.
- तमाम स्थानिय निकाय चुनावो मे बीजेपी को भारी बहुमत मिला है. एसेमे महाराष्ट्र मे अपनेआप को बडा दिखाने के लिए शिवसेना के पास यह आखरी अवसर है.
- नोटबंदी के फैसेल के बाद देश की आर्थीक राजधानी मुंबई नगरी के लोग पहली बार वोट करेंगे. यह बात सही है कि स्थानिय मुद्दे चुनाव मे छाए रहेंगे लेकिन तबभी यह मुद्दा चुनावी मुद्दा जरुर बनेगा.
- बीजेपी और शिवसेना के बीच आए दीन तूतू-मैमै चलती रहती है. एसमे इस चुनाव मे बढत मिलने का मतलब है शिवसेना को झोरदार मुक्का मारना
- बीएमसी पर कब्जा करने के बाद ही बीजेपी का यह दावा सही होगा की वह महाराष्ट्र की नंबर वन पार्टी है.
- कोंग्रेस के लिए यह चुनाव अपनी नाक बचाना है. पिछले 20-20 सालो से विपक्ष मे बैठने वाली कोंग्रेस पार्टी का दावा है कि मुंबई की जनता असुविधा के चलते त्रस्त है.
- गनोटबंदी के बाद वह देश की आर्थीक राजधानी इस पार्टी को बताएगी की वह कोंग्रेस के साथ है या नहीं.
- लोकसभा और विधानसभा चुनाव हारने के बाद सत्ता मे वापसी के लिए बीएमसी चुनाव जितना जरुरी.
- राज ठाकरे के पास अपनी पार्टी का अस्तीत्व बनाए रखने का यहीं एकमात्र चुनाव बचा है. महाराष्ट्र की अन्य तमाम जगहो पर हार का मुंह देख रही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के लिए बीएमसी चुनाव करो या मरो है.
- मुंबई मे वह कोंग्रेस और समाजवादी पार्टी का विकल्प बन सकते है या नहीं.
फिलहाल बीएमसी मे पक्षीय बलाबल क्या है......
- शिवेसना के पास 89 कोर्पोरेटर
- बीजेपी के पास 32कोर्पोरेटर
- कोंग्रेस के पास 51कोर्पोरेटर
- एनसीपी के पास 14कोर्पोरेटर
- महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के पास 28 कोर्पोरेटर
- समाजवादी पार्टी के पास 8 कोर्पोरेटर
- शेतकरी कामगार पक्ष के पास 1 कोर्पोरेटर
- अपक्ष की संख्या 4 है.
- कुल 227 कोर्पोरेटर है.
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