आख़िरकार टूट गया बीएमसी मे बीजेपी और शिवसेना का
२२ साल पुराना गठबंधन. पार्टी के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन मे मुंबई मे उद्धव ठाकरे
ने इस बारेमे औपचारिक घोषणा कर दी. पिछले लंबे समय से बीएमसी चुनाव को लेकर सीटों
के बँटवारे पर दोनो पार्टीओ के बीच तनातनी बढ़ गई थी.
उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर आरोपो की झडी लगाई
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पिछले २५ सालों से बीजेपी के साथ गठबंधन का
वख्त जो बीता है वह शिवसेना ते लिए सड़ा हुआ समय है.
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सरकार मे पारदर्शिता नहीं है.
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शिवसैनिक उन्हे ताक़त दे तो वह विरोधीओ के
दाँत तोड़ देंगे.
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बीजेपी ने बीएमसी चुनाव मे ११४ सीटें माँग
कर शिवसेना का अपमान किया है.
यह दुसरा मौक़ा है जब शिवसेना और बीजेपी अलग-अलग
चुनाव लड़ेंगे. पहले विधानसभा चुनाव मे भी अलग-अलग चुनाव लड़े थे. लेकिन तब युती
तोड़ने का कदम बीजेपी ने उठाया था. अबकी बार शिवसेना ने यह कदम उठाया है.
बीजेपी का पलटवार -
जैसे ही शिवसेना ने गठबंधन तोड़ने की घोषणा की
बीजेपी के नेताओं ने शिवसेना को मुँहतोड़ जवाब देना शुरु कर दिया.
कोंग्रेस और एनसीपी की नसीहत -
कोंग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना को चुनौती देते
हुए कहा है कि यदि शिवसेना अपनेआप को बहादुर मानती है तो वह केन्द्र और राज्य सरकार दोनो ही जगहो पर क्यों सत्ता मे हिस्सेदार है.
सबसे बड़ा सवाल –
बीएमसी मे सत्ता किसकी होगी?
मुंबई की लडाई अब सबसे तेज दौर मे आ पहुंची है. कुल
मिलाकर मुंबई किसकी इसके लिए शिवसेना ने सबसे बडा दांव खेल दिया है.
अब सवाल यह भी है कि
राज्य सरकार का क्या होगा? क्या शिवसेना
आनेवाले दिनो मे महाराष्ट्र सरकार को दिया अपना समर्थन वापसी ले लेगी?
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